Smart meter: आप सभी के जानकारी के लिए हम बता देना चाहते हैं कि साउथ बिहार में इंटेलीस्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने “Smart Meter सहायक” नाम से एक अभियान शुरू किया है। इसका उद्देश्य स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लाभों को लोगों के बीच फैलाना और उनके मन में बनी भ्रांतियों को दूर करना है। बिजली कंपनी के आज्ञा पर काम कर रही एजेंसियां उपभोक्ताओं को समझाने के लिए अलग-अलग उपाय कर रही हैं।
ये एजेंसियां उपभोक्ताओं को Smart Meter के फायदों के बारे में जानकारी दे रही हैं. जैसे कि वास्तविक समय में ऊर्जा की खपत की जानकारी बिलिंग में स्वच्छ और ऊर्जा की बचत के तरीके। इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि स्मार्ट मीटर लगाने से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिलेगी। इस पहल का मेन कारण उपभोक्ताओं का विश्वास जीतना और उन्हें स्मार्ट मीटर के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है।
साउथ बिहार में कंपनी ने किया अभियान की शुरूआत
इसके अलावा साउथ बिहार के 13 जिलों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनी इंटेलीस्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने “Smart Meterसहायक” नाम का एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत 70 प्रशिक्षित स्मार्ट मीटर सहायक उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर उन्हें प्रीपेड Smart Meter के बारे में जानकारी देंगे।
इसके अलावा साउथ बिहार के 13 जिलों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनी IntelliSmart Infrastructure Pvt Ltd ने स्मार्ट मीटर सहायक नाम का एक कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत 70 प्रशिक्षित स्मार्ट मीटर सहायक उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर उन्हें प्रीपेड स्मार्ट मीटर के बारे में जानकारी देंगे।

ये सहायक उपभोक्ताओं को मोबाइल एप के उपयोग के तरीके स्मार्ट मीटर की विशेषताएं और इसके फायदे समझाएंगे। स्मार्ट मीटर का उपयोग करने से उपभोक्ताओं को अपनी बिजली की खपत का सही और समय पर पता चलता है, जिससे वे अपनी बिलिंग को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकते हैं। इस पहल का लक्ष्य लोगों को स्मार्ट मीटर के लाभों के बारे में जागरूक करना और उन्हें इसके उपयोग के लिए प्रेरित करना है। इससे बिजली की खपत में भी सुधार होगा और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
आम जनता Smart Meter का कर रही विरोध
बिहार में बिजली विभाग द्वारा Smart Meter तेजी से लगाए जा रहे हैं. लेकिन कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं। हाल ही में, जगदीशपुर के हरदिया पंचायत के लोगों ने एक आम सभा आयोजित की और फैसला किया कि वे अपने गांव में स्मार्ट मीटर नहीं लगने देंगे।

इस सभा में गांव के लोग एकजुट हुए और अपनी चिंताओं को साझा किया। उनका मानना है कि स्मार्ट मीटर लगने से उनकी बिजली की खपत और बिलिंग में समस्या हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास इसकी जानकारी और लाभ के बारे में सही जानकारी नहीं है।
गांववासियों ने इस मुद्दे पर एकमत होकर कहा कि वे स्मार्ट मीटर की स्थापना का विरोध करेंगे और इसकी जगह पारंपरिक मीटरों को ही बनाए रखने की मांग की। इस निर्णय ने स्थानीय प्रशासन के लिए एक चुनौती पेश की है. जिसे समझना और हल करना जरूरी होगा।
सरकार बताएं कि स्मार्ट मीटर में क्या खूबी है?
आम सभा में वक्ताओं ने कहा कि पंचायत में बिजली कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. लेकिन इससे पहले सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि पुराने मीटर क्यों हटाए जा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पुराने मीटर में कोई त्रुटि थी, और स्मार्ट मीटर में ऐसी कौन सी खासियत है. जो इसे आवश्यक बनाती है।

वक्ताओं का कहना था कि अगर पुराने मीटर ठीक हैं. तो उन्हें हटाने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के फायदे के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए. ताकि लोगों को यह समझ में आए कि बदलाव का क्या लाभ होगा।
गांववासियों ने मांग की कि बिना उचित जानकारी और कारण बताए किसी भी मीटर को नहीं हटाया जाना चाहिए। उन्होंने अपने अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लिया और इस मुद्दे पर आगे बढ़ने का निर्णय किया।